होली मनायें थोड़ा संभल कर
होली आने वाली है और लोग जोर शोर से इसकी तैयारियो में जुट गये हैं और ऐसे में संभलने की नसीहत आखिर क्यों ? क्यों कि कोरोना समाप्त होते होते पुनः डराने लगा है और लोग विगत वर्ष की स्मृतियों से विचलित हो रहे हैं ।
अब जबकि वैक्सीन अर्थात उपचार भी उपलब्ध हो चुका है तो अधिक घबराने की कोई विशेष आवश्यकता नहीं है , बस संयम और अनुशासन के पालन की आवश्यकता है ।
"कब जाएगा कोरोना" शीर्षक के अपने सितंबर के अंक में कोरोना एवं वायरस की समाप्ति को लेकर विस्तृत व्याख्या करी थी, और वह आज भी परिवर्तित नहीं हुई है ।
कोरोना वायरस, राजनीतिक उठापटक, चुनावी सरगर्मी , आर्थिक गतिविधियां एवं शेयर बाजार इत्यादि सभी ओर एक उहापोह एवं अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है । आज यही समझने का प्रयास करते हैं कि यह स्थिति क्यों बन रही है और यह कब तक चलेगी ।
वर्तमान समय में आकाश में ग्रह, तारों एवं नक्षत्रों की स्थिति में काफी बदलाव आ चुका है। मकर राशि में नीचस्थ गुरु के प्रवेश के साथ ही परिस्थितियां निराशाजनक बनने लगी थी । यद्यपि गुरु महाराज अभी वहीं पर राशि स्वामी शनि के साथ ही विराज रहे हैं किंतु अब वह एक वर्ष की अपनी यात्रा को पूर्ण करके निकलने वाले हैं । इस समय के ग्रह गोचर के अनुसार सूर्य एवं शुक्र गुरु की राशि में स्थित है तथा बुध कुम्भ में शनि एवं गुरु मकर में तथा केतु वृश्चिक राशि में है । लेकिन वर्तमान समय की स्थिति में सर्वाधिक ध्यान देने की आवश्यकता है ,वृष राशि में राहु एवं मंगल की युति पर। रोहिणी में विचर रहे राहु एवं मंगल धीरे-धीरे समीप आते जा रहे हैं और आने वाली 27 मार्च एवं 28 मार्च को यह युति चरम स्थिति के एकदम समान अंश पर होगी और इस कारण यह संभलने और सतर्क रहने का समय है । होलिका दहन और रंग खेलने वाले दिन सावधान रहने की आवश्यकता है ।भौगोलिक रूप से यह भूकंप , समुद्री ,जलीय दुर्घटनाओं का क्षेत्र है । यदि भारत देश के परिप्रेक्ष्य में इस स्थिति का अवलोकन करें तो बंगाल एवं असम जैसे क्षेत्रों में हिंसा , दंगें जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती है।साथ ही भारत के पूर्ववर्ती क्षेत्रों /देशों में / से भीं टकराव, उत्तेजक या हिंसक परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती है।
किंतु दूसरी ओर व्यक्तिगत स्तर पर या मानवीय धरातल पर सभी लोगों को
आगजनी ,रासायनिक, लैब , फैक्ट्रियों संबंधी दुर्घटनाओं पर ध्यान देना होगा । वाद-विवाद, आपसी झगड़े ,उत्तेजना , हिंसा , रोडरेज , इत्यादि के प्रति सचेत रहें । सड़क पर वाहन की गति पर नियंत्रण रखें और मन में उत्तेजना के स्तर पर । रसोई में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर कार्य करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें । रक्तचाप को नियंत्रण में रखने का प्रयास करें। एसिडिटी जैसी समस्याओं का ध्यान रखें ।इस काल में नींद से संबंधित समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं। धन संबंधी मामलों में जातक की व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार एकाएक बड़ा लाभ या बड़ी हानि भी हो सकती है ।काम का अति बोझ कुछ लोगों को बीमार भी कर सकता है । होली में शराब के अत्यधिक सेवन से घटने वाली घटनाएं हर वर्ष ही दिखती हैं किंतु इस बार थोड़ी अतिरिक्त सावधानी अवश्य बरतें , और संभव हो तो इससे दूर ही रहें ।
किंतु इन सब के साथ जो भय अब धीरे-धीरे सब तरफ बढ़ रहा है , जिस का सर्वप्रथम उल्लेख किया था वह है कोरोना । यद्यपि इस बढ़ते हुए कोरोना के नंबर के अतिरिक्त अभी और अधिक सूचना या तथ्य सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है किंतु ग्रहों के गोचर के विश्लेषण के आधार पर यह कहा जा सकता है कि यह बढ़ते हुए मामले डरा जरूर रहें , किंतु इनकी गंभीरता से इतनी अधिक नहीं है । ऐसा प्रतीत होता है कि यह काफी हद तक काफी हल्के मामले हैं और जल्दी ठीक होने वाले भी और ग्रहों का इशारा भी है कि होली के बाद से ही यह मामले नियंत्रण में आने लगेंगे ।मंगल राहु की युति के गुजरने के साथ ही तनावपूर्ण वातावरण हल्का होने लगेगा और 4 अप्रैल को गुरु के कुंभ राशि में प्रवेश के साथ ही पृथ्वी पर विशेष रुप से भारतवर्ष में अमृत वर्षा करेंगे। कुंभ पर्व अर्थात पृथ्वी पर अमृत का छलकना और अमृत छलकना अर्थात जीवन । कुंभ में संक्रमण के साथ ही गुरु एवं राहु परस्पर दृष्टि प्रभाव से भी मुक्त हो जाएंगे । राहु स्वयं भी अमरत्व प्राप्त प्राप्त है अतः जीवनदायिनी वैक्सीनेशन का कार्य व्यापक रूप से सर्व सुलभ होने की भी पूर्ण संभावना है । अंततः भयभीत ना हो, अनुशासन में रहें ,सतर्क रहें और संयम में रहे परिस्थितियां जल्दी अनुकूल होंगी ।
जय श्री कृष्णा
सीमा श्रीवास्तव
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