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उत्तर प्रदेश का चुनाव

Writer's picture: seemavedicseemavedic


किसके सर पर बंधेगा ताज उत्तर प्रदेश में : भाजपा या सपा ।


पृथ्वी पर हर वर्ष जैसे चार मौसम आते हैं उसी प्रकार भारत भूमि में भी प्रतिवर्ष कम से कम एक बार चुनाव का मौसम अवश्य ही आता है और जब भी आता है पूरे जोर ,शोर से आता है। लेकिन अगर चुनाव उत्तर प्रदेश का हो तो वह बहुत ही धूम-धड़ाके से आता है और सारे देश की जिज्ञासा और आकर्षण का केंद्र बन जाता है और इस बार फिर उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं और जिज्ञासा का स्तर उच्चतम हो चुका है।


किसकी सरकार बनेगी ? ,कौन गद्दी पर बैठेगा ? यह कौतूहल सभी ओर फैला हुआ है। सभी ज्ञानी, विद्वान और अनुभवी लोग अपने-अपने अनुमान और विश्लेषण दे रहें हैं। यहां पर यह विश्लेषण ज्योतिषीय ‌गणना के आधार पर किया गया है।


भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार है और सभी विपक्षी पार्टी इसी एक के विरुद्ध चुनाव में लडने के लिए उतरी हैं। अतः सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी की कुंडली का ही विश्लेषण करते हैं।


भारतीय जनता पार्टी की कुंडली मिथुन लग्न की है । भाग्य ,कर्म और लाभ की परस्पर युति की यह एक बलवान कुंडली है । सूर्यऔर गुरु परिवर्तन योग में हैं ,तथा लग्नेश बली स्थिति में हैं ।साथ ही दशा अधिपति चंद्रमा नीच भंग करता बलिष्ठ पंचमेश से youप्रभावित हैं ।अंतरदशा स्वामी गुरु और शनि की कर्म और भाग्य फल देने हेतु युति लाभ प्राप्ति के लिए तत्पर है। मंगल के मकर राशि में गोचर के साथ यह लाभ सुनिश्चित हो जाएगा ।‌ शनि और गुरु का गोचर भी लाभ ही देने वाला है मकर राशि से दशम भाव अत्यंत बलिष्ठ स्थिति में है। 10वीं योगिनी यह सुनिश्चित करेगी की भारतीय जनता पार्टी को अपने सारे पांच वर्ष तक कितने खरे कार्यों एवं प्रयासों के परिणाम लाभ प्रद ही प्राप्त हो।


भारतीय जनता पार्टी को टक्कर देने वाली समाजवादी पार्टी को लेकर भी यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वे भी सत्ता में आने के प्रबल दावेदार हैं । यहां पर समाजवादी पार्टी की कुंडली का सही समय ज्ञात न होने के कारण चंद्र कुंडली से समाजवादी पार्टी का विश्लेषण किया गया।


समाजवादी पार्टी की कुंडली धनु लग्न की है और लग्नेश ,भाग्येश के साथ राजलक्षण योग बना रहा है ,।सुग्रही शनि भी सूर्य एवं गुरु के साथ चतुर्थ भाव को बल प्रदान कर रहा है।यह कुंडली भी भाग्य , कर्म एवं लाभ की परस्पर युति वाली बलवान कुंडली है। किंतु चंद्र राहु की लग्न स्थिति और पंचमेश की केतु से युति स्वाभाव में स्थिरता की कमी और नवांश में बुध का पीड़ा में होना , वैचारिक स्थिति के असंतुलन का द्योतक है।साथ ही सूर्य और शनि की स्थिति भी पार्टी के अंदरूनी संबंधों में आपसी संघर्षों का कारण है। राहु , गुरु,की दशा सभी प्रकार से लाभकारी है। कन्या राशि दशम भाव में बलिष्ठ है किन्तु दाराकारक वृश्चिक से बारहवें भाव में पद हानि के संकेत दे रहा है। वही अष्टम योगिनी , तथा केतु का प्रत्यंतर कुछ छुपी हुई या पर्दे के पीछे की गतिविधियों का भी संकेत दे रहा है ।


10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणाम के दिन का गोचर भी विशिष्ट है और किसको राजसिंहासन मिलेगा ,यह तय होगा । कुंडली और ग्रह स्थिति अनुसार दोनों ही पार्टियों की स्थिति मजबूत है किन्तु भाजपा मुकाबले में बीस ही साबित हो सकती है।सपा प्रबल प्रतिद्वंद्विता देगी किन्तु वह पर्दे के पीछे कुछ खेल अवश्य खेलेगी । लेकिन उसे सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि ग्रह स्थिति में थोड़ी सी प्रतिकूलता के चलते वह स्वयं ही इसका शिकार न बन जाए।


क्रमशः ,,,

अगले अंक में







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