कोरोना शब्द सूर्य से आया है ,सूर्य की वाह्य सतह की संरचना को कोरोना कहते है और इसी प्रकार की संरचना वाले विषाणु को कोरोना नाम दे दिया गया ,यहां विशेष बात यह है कि यह महामारी भी कई दशको के सबसे दुर्लभ सूर्य गृहण के साथ ही प्रारंभ हुई! इस विषय पर अब तक बहुत चर्चा हो चुकी है और अब हर कोई यह जानना चाहता है कि इससे छुटकारा कब मिलेगा ! अभी तक इसके समाप्त होने को लेकर बहुत सी भविष्यवाणी की गई है ,और यूट्यूब,वेबसाइट्स, प्रिंट मीडिया एवं सोशल मीडिया इस तरह की भविष्यवाणीयों से भरे पड़े है,किंतु संकर्मितो की संख्या दिन बढ़ती ही जा रही है !
इस समस्या को लेकर लोगो के आगृह पर अंतत: मैने कुछ गणना करी और अपने अल्पग्यान से जो भी कुछ संभावनायें समझ मे आयी प्रभु इच्छा से उन्हे साझा करने का प्रयास किया है!
१_ सूर्य ऊर्जा है,और पृथवी का संपूर्ण जीवन चकृ इसी ऊर्जा से संचालित है किंतु दिसंबर "19 के सूर्य गृहण एवं पुन: जून " 20 के सूर्य गृहण ने काफी हद तक इसे प्रभावित किया, परंतु सुगृही होने के बाद सूर्य
धीरे धीरे बलवान हो रहा है!
2_ दिसंबर"19 के गृहण मे नौ मे से आठ गृह जटिल संयोजन मे पीड़ित अवस्था मे थे,( कुं १ )
विश्व विभिन्न उथल पुथल वाली घटनाओ के साथ साथ कोरोना जैसी महामारी से पीड़ित हुआ
3_ मार्च "20 से गृहो की उत्तरोत्तर उथल पुथल मचाती स्थितियों ने महामारी का ऐसा रूप दिखाया कि सारे के सारे अनुमान धरे के धरे रह गये
प्राकृतिक आपदये,भूकंप,आकाशीय बिजली,देशो के बीच उत्तेजित तनाव, मजदूरों का पलायन और वैश्विक अर्थव्यवस्था का औंधे मुंह गिरना
इत्यादि।
4_ गुरू महाराज मार्च मे मकर से वकृी होकर उल्टी चाल चल धनु मे पलायन कर गये और उससे भी बढ़कर गुरू की प्लुटो से युति, यही कम नही था कि प्लुटो भी वकृी हो गये ,और पुन: वकृावस्था मे युति ,
परिणाम ; श्वसन ,अॉक्सीजन की कमी ।
4_ जिनके कोप से सभी लोग सबसे अधिक डरते है वे शनि देव भी वकृी होकर परिस्थितियो को संभालने की सारी मानवीय व्यवस्थाओ पर वकृ दृष्टि डालते रहे ,तथा अकेलेपन का कारक होकर क्वारेंटाईन तथा लॉकडाउन की स्थिति उत्पन्न करी।
5_ पुन: जून जुलाई के गृहण ने एक्सीलेटर पर पॉव रख दिया
6_ गृहण योग के कारक आदृा के बलवान राहु महाराज ने सभी के मुख को ढ़ककर मास्क पहनवा दिया
7_ मूल नक्षतृ मे दृढ़ निश्चयी केतु महाराज ने गुरू देव की संगत मे कोरोना की दवा ,/ वैक्सीन को प्रभावित किया
ईश्वर मनुष्य के धैैर्य की परीक्षा लेते है और अब यह परीक्षा समाप्त होने का समय पास ही है ,कुं नं२ की स्थिति देखे , जैसे कुं नं १ मे सभी गृह एक ही जगह जमघट लगाये थे ,वहीं यहां पर सभी अलग अलग है अर्थात स्वतंत्र है,ये सभी प्रसन्न एवं आनंदित है।राजा से लेकर मंतृी सभी स्व/ उच्च स्थानो मे बलवान है,लड़ने और हराने को तैयार, तो फिर कोरोना क्यों न हारेगा।
जैसे जैसे ये बलशाली गृह छोटी छोटी बाधाओं को पार करते जायेंगे लड़ाई जीतते जायेंगे ।
गुरू 15 सितंबर को मार्गी होंगे ,राहु 23 सितंबर को राशि बदलेंगे केतु महाराज की स्थिति परिवर्तन से दवा/ वैक्सीन की दिशा मे तेजी भी आ सकती है ,कोरोना कमजोर भी हो सकता है
गुरू एवं प्लुटो की इस वर्ष की अंतिम युति 12 नवंबर को होगी,इस समय हो सकता है कि कुछ नकारात्मक प्रभाव दिखे। अन्य क्षेत्रो मे भी इसका प्रभाव दिखेगा । 20 नवंबर को गुरू का मकर राशि मे नीचभंग करके समस्या को एक जिगजैग पैटर्न दे सकते है।
यहां पर दो बड़े कंसर्न है,मंगल का वकृी / मार्गी होकर फरवरी तक अनुशासनहीन किन्तु बली होना कोरोना के गृाफ को प्रभावित करेगा ,हिंसा भी करा सकता है,किंतु मेरे विचार से उससे अधिक युदध् के मैदान मे ( जमीनी युदध्/ चिकित्सीय युदध्) मे शौर्य,तथा पराकृम की उच्च कोटि की कथा भी लिखेगा,शायद कोई दवा/ वैक्सीन उपचार के लिए मिल जाये।
जो आया है उसे जाना है,वायरस का भी एक जीवन काल होता है।
फिर कब जायेगा कोरोना?
उपरोक्त गणनाओ के आधार पर मेरा यह मानना है कि धीरे धीरे कोरोना कम होगा,पर जब शनि देव मकर मे १० * कृास करेंगे( 21 जनवरी 21 )
तभी सूर्य की रश्मियां (कोरोना ) पूर्ण रूप से शुद्ध होंगी।
जो आया है उसे जाना है यह प्रकृति का नियम है
और यही हम समर्पित होते है दैवीय विधान पर।
प्लुटो आध्यात्मिकता की ओर ले जाता है,गुरू धर्म है।गुरू प्लुटो की युति हमे उस अदृश्य संसार की ओर ले जाती है जहॉ वो आस्था है,विश्वास है जहॉ हमारा सारा भय समाप्त हो जाता है।
अंत मे ,बाढ़ गुजर जाने के बाद भी बहुत सा कीचड़ तथा गंदगी बची रह जाती है ,जो धीरे धीरे साफ होती है, बस विश्वास बनाये रखे।
💐💐 जय श्री कृष्णा🙏🙏🙏🙏
###Seema Srivastava###
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Kab Jayega Corona?
Updated: Jan 21, 2021
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